SAMANYA HINDI

Paper Code: 
VHI 100
Credits: 
02
Contact Hours: 
30.00
Max. Marks: 
100.00
Objective: 

इस पाठ्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थी को हिंदी भाषा की उत्पत्ति एवं विकास तथा उसके व्याकरणिक व साहित्यिक पक्ष की सामान्य जानकारी प्राप्त करवाना है। ताकि विद्यार्थी अपने भावों विचारों की अभिव्यक्ति प्रभावशाली ढंग से कर सके । गद्य और पद्य के साथ-साथ व्याकरण से विद्यार्थियों की भाषा का शुद्धीकरण भी होगा जिससे कि वह अपने कार्य क्षेत्र में भाषा के माध्यम से अपनी योग्यता सिद्ध कर सके।

 

COURSE OUTCOME:

Course

Learning outcome (at course level)

Learning and teaching strategies

Assessment Strategies

Paper Code

Paper Title

VHI 100

सामान्य हिंदी

पाठ्यक्रम पूर्ण करने के पश्चात विद्यार्थी इनमें सक्षम होगा-

CO 1विभिन्न विद्वानों की रचनाओं को पढ़ने से शब्द भंडार विस्तृत होने के साथ ही भावों के प्रकटीकरण की विभिन्न शैलियों से परिचित होकर वह अपने भावों की अभिव्यक्ति अपनी तूलिका के माध्यम से और बेहतर तरीके से करने में सक्षम होगा

CO 2विभिन्न भावों की समझ विद्यार्थी में उत्पन्न होगी जो उसके कार्यक्षेत्र में रंग संयोजन में मददगार होगी

CO 3व्याकरण के सामान्य नियमों का ज्ञान होने से भाषा में शुद्धता आएगी

CO 4संक्षेपण व पल्लवन के माध्यम से भावों के प्रस्तुतीकरण  का तरीका सीखेगा

CO 5विज्ञापन लेखन के विभिन्न रूपों को समझने में सक्षम

Approach in teaching:

प्रभावात्मक व्याख्यान विधि, प्रत्यक्ष उदाहरणों के माध्यम से शिक्षण, परिचर्चा

 

 

Class test, Semester end examinations, Quiz, Solving problems in tutorials, Assignments

 

 

 

Unit 1: 
पद्य
6.00

सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’: जागो फिर एक बार, भिक्षुक
हरिवंशराय बच्चन: पथ की पहचान
नागार्जुन: प्रेत का बयान
दुष्यन्त कुमार: हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए

Unit 2: 
गद्य
6.00

आचार्य रामचंद्र शुक्ल- मित्रता                                                                                हरिशंकर परसाईः भोलाराम का जीव                                                                                            महादेवी वर्माः घीसा

Unit 3: 
व्याकरण
7.00

हिन्दी वर्तनी और उसका मानकीकरण
संज्ञाः (व्यक्तिवाचकजातिवाचकभाववाचक)
सर्वनामः (पुरूषवाचकअनिश्चयवाचकनिश्चयवाचकप्रश्नवाचक , सम्बन्धबोधकनिजवाचक)
विशेषणः (गुणवाचकसंख्यावाचकपरिमाणवाचकसार्वनामिक विशेषण)
क्रियाः     कर्म के अनुसार (सकर्मकअकर्मक)

Unit 4: 
शब्द संपदा
4.00

विलोम, पर्यायवाची   (संलग्न सूची के अनुसार) , अनेकार्थक (संलग्न सूची के अनुसार)                                       वाक्यांश के लिए एक शब्द                                                                                                           शब्द शुद्धि, वाक्य शुद्धि

Unit 5: 
प्रयोजन मूलक हिन्दी
7.00

विज्ञापन-स्वरूप और विशेषताएँ
विज्ञापन में प्रयुक्त हिन्दी।
संक्षेपण

Essential Readings: 
  1. काव्यधारा - सं. डॉ. राजकुमार सिंह परमार, इंडिया बुक हाऊस, जयपुर
  2. पद्य संचयन - डॉ. मकरन्द भट्‌ट , साक्षी पब्लिशिंग हाउस, जयपुर।
  3. गद्य प्रभा - सं. डॉ. राजेश अनुपम, युनिक बुक हाउस, जयपुर।
  4. गद्य संचयन - डॉ. मकरन्द भट्‌ट, साक्षी पब्लिशिंग हाउस, जयपुर।
  5. साये में धूप- दुष्यन्त कुमार, राधाकृष्ण प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली, बीसवाँ संस्करण 2009.
  6. गद्य-पद्य संचयन, डॉ. अशोक गुप्ता एवं डॉ. रजनीश भारद्वाज, राजस्थान प्रकाशन, जयपुर, प्रथम संस्करण 2004.
  7. गद्य मंजूषा- संपादक प्रो. नंदकिशोर पांडेय, प्रो. दीपेंद्र सिंह जाडेजा, प्रभात प्रकाशन प्राईवेट लि0, नई दिल्ली, प्रथम संस्करण, 2022
  8. अतीत के चलचित्र, महादेवी वर्मा, लोकभारती प्रकाशन, प्रयागराज पब्लिशिंग

 

References: 
  1. हिन्दी भाषा ज्ञान - डाॅ. हरिचरण शर्मा, राजस्थान प्रकाशन, जयपुर
  2.  हिन्दी भाषा, व्याकरण और रचना - डाॅ. अर्जुन तिवारी, विश्वविद्यालय प्रकाशन, वाराणसी।
  3.  परिष्कृत हिन्दी व्याकरण - बदरी नाथ कपूर, प्रभात प्रकाशन, दिल्ली।
  4.  संक्षेपण और पल्लवन - कैलाश चंद्र भाटिया/तुमन सिंह, प्रभात प्रकाशन, दिल्ली।
  5.  प्रयोजन मूलक हिन्दी: सिद्धांत और प्रयोग - दंगल झाल्टे, वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली
  6.  अनुवाद विज्ञान और संप्रेषण - डाॅ. हरिमोहन, तक्षशिला प्रकाशन, नई दिल्ली

ई-पाठ्यसामग्रीः

  1. NDLI: Hindi Vyakaran Aur Vyavhar Kaksha-11 -12 (iitkgp.ac.in)
  2. https://egyankosh.ac.in/handle/123456789/56414
  3. https://chti.rajbhasha.gov.in/pdf/pragya_pathmala2.pdf

शोध पत्र-पत्रिकाएँः

  1. साहित्य अमृत मासिक पत्रिका
  2. हंस, संपादकः संजय सहाय, अक्षर प्रकाशन प्रा0 लि0, नई दिल्ली
  3. वागार्थ, भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता

क्रम सं.  

पर्यायवाची शब्द   अनेकार्थक शब्द सूची
1 अमृत      अंक
2 अश्व अज
3 असुर

अर्थ

4 अरण्य अक्षर
5 अनुराग अम्बर
6 अम्बा अरूण
7 आँख आगम
8 आकाश

कनक

9 आम कृपण
10 ईश्वर कर
11 कमल काल
12 कनक गुरु
13 बादल घन
14 जल श्रुति
15 कामदेव गुण
16 किरण कृष्ण
17 गंगा तीर
18 चतुर द्रव्य
19 तलाब कुंभ
20 निशा वर
21 पवन नग
22 पत्थर चपला
23 पृथ्वी पट
24 पहाड़ वर्ण
25 पुष्प क्षेत्र
     

 

Academic Year: