Prayojanmulak Hindi

Paper Code: 
HIN 602
Credits: 
3
Contact Hours: 
45.00
Max. Marks: 
100.00
Objective: 

स्नातक स्तर के संपूर्ण पाठयक्रम को पढ़ाने के बाद अंतिम सत्र में इस पाठयक्रम को पढ़ाने का यही उददेष्य  है कि स्नातक होने के बाद यदि छात्राएँ किसी भी सरकारी कार्यालय, बैंक, बीमा कम्पनी या पत्रकारिता के क्षेत्र में जाना चाहती है तो वे वहाँ सफलता पूर्वक कार्य कर सकें।

Unit 1: 
प्रयोजनमूलक हिन्दी का उदगम स्त्रोत, हिन्दी भाषा का स्वरूप
9.00

हिन्दी : शब्द प्रयोग
आधुनिक हिन्दी का विकासक्रम, मानक हिन्दी वर्तनी

Unit 2: 
प्रयोजनमूलक हिन्दी: विविध स्वरूप
9.00

सम्पर्क भाषा, राजभाषा, राज्यभाषा

Unit 3: 
राजभाषा हिन्दी: संवैधानिक सिथति
9.00

राजभाषा संबंधी संविधान के प्रावधान
राजभाषा अधिनियम 1963
राजभाषा अधिनियम 1976
राजभाषा संकल्प 1968

Unit 4: 
कार्यालयी टिप्पण और मसौदा (प्रारूपण) लेखन
9.00

टिप्पण, टिप्पण के प्रकार
मसौदा, (प्रारूपण), तैयार करना, मसौदा लेखन की सामान्य बातें, विषेषताएँ, रूप रेखा

Unit 5: 
हिन्दी पत्राचार तथा पत्रों के प्रकार

प्रभावषाली पत्र की विषेषताएँ
सरकारी पत्राचार - सरकारी पत्र, अद्र्धसरकारी पत्र, कार्यालय ज्ञापन, परिपत्र, कार्यालय आदेष, अधिसूचना, पृष्ठांकन, अनुस्मारक, प्रतिवेदन

References: 

प्रयोजन मूलक हिन्दी: सिद्धांत और प्रयोग-दंगलझाल्टे।
पत्र व्यवहार निर्देषिका-संपादक-भोलानाथ तिवारी, लेखक विजय कुलश्रेष्ठ, 21-ए, दरियागंज, नर्इ दिल्ली।
प्रारूपण, टिप्पण, पू्रफ पठन-संपादक-भोलानाथ तिवारी, लेखक विजय कुलश्रेष्ठ, 21-ए, दरियागंज, नर्इ दिल्ली।

Academic Year: