हिन्दी का प्रयोजन मूलक पक्ष
प्रयोजन मूलक हिन्दी की आवद्गयकता
प्रयोजन मूलक हिन्दी की विद्गोषताएं
प्रयोजन मूलक हिन्दी के विविध रूप
विचारात्मक शैली, पत्रलेखन शैली, प्रद्गाासनिक शैली।
विधि, वैज्ञानिक एवं तकनीकी भाषा प्रयुक्तियाँ।
१. संक्षेपण - महत्व, प्रक्रिया, विद्गोषताएँ एवं सक्षेपक के गुण
२. पल्लवन - महत्व, प्रक्रिया एवं भाषा
३. प्रतिवेदन - परिभाषा, प्रारूप एवं प्रक्रिया
हिन्दी पत्रकारिता का उद्भव और विकास
हिन्दी पत्रकारिता का वर्तमान स्वरूप
समाचार लेखन (मुद्रण माध्यम के लिए) और विज्ञापन का परिचय, स्वरूप, प्रकार
हिन्दी भाषा ज्ञान - डॉ. हरिचरण शर्मा, राजस्थान प्रकाद्गान, जयपुर
संक्षेपण और पल्लवन - कैलाद्गा चंद्र भाटिया/तुमन सिंह, प्रभात प्रकाद्गान, दिल्ली।
प्रयोजन मूलक हिन्दी : सिद्धांत और प्रयोग - दंगल झाल्टे, वाणी प्रकाद्गान, नई दिल्ली।
अनुवाद विज्ञान और संप्रेषण - डॉ. हरिमोहन, तक्षद्गिाला प्रकाद्गान, नई दिल्ली।
प्रयोजन मूलक हिन्दी - विनोद शाही, आधार प्रकाद्गान, पंचकूला, हरियाणा
प्रयोजन मूलक हिन्दी के विविध रूप - डॉ. राजेन्द्र मिश्र, राकेद्गा शर्मा, तक्षद्गिाला प्रकाद्गान, ९८-ए, हिन्दी पार्क, दरियागंज, नई दिल्ली-११०००२