Hindi Kahani HIN 101

Paper Code: 
HIN 101
Credits: 
3
Contact Hours: 
45.00
Max. Marks: 
100.00
Objective: 

इस पाठ्‌यक्रम का मूल उद्‌देद्गय है हिन्दी साहित्य की गद्य विधा कहानी के स्वरूप एवं परिभाषा को जानना, मुखय कहानीकारों का परिचय एवं कहानी के विभिन्न पक्षों को उजागर करना।

 

Unit 1: 
कहानीः स्वरूप, परिभाषा एवं इतिहास
9.00

कहानी का रचना विधान
इतिहासः पृष्ठभूमि, आविर्भाव, विकास युग
नई कहानी
स्वातंज्ज्योत्तर कहानी की राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक परिस्थितियाँ
 

Unit 2: 
हिन्दी के कुछ कहानीकारों का संक्षिप्त परिचय
9.00

प्रेमचंद, जयद्गांकर प्रसाद, जैनेन्द्र कुमार, अज्ञेय, मोहन राकेद्गा, अमरकांत, नासिरा शर्मा, स्वयं प्रकाद्गा, चित्रामुद्‌गल।
 

Unit 3: 
कहानी (व्याखयात्मक एवं आलोचनात्मक अध्ययन)
9.00

पूस की रात         - प्रेमचंद
मधुआ             - जयद्गांकर प्रसाद
खेल             - जैनेन्द्र कुमार
 

Unit 4: 
कहानी (व्याखयात्मक एवं आलोचनात्मक अध्ययन)
9.00

खितीन बाबू         - अज्ञेय
मलबे का मालिक         - मोहन राकेद्गा
दोपहर का भोजन         - अमरकांत

Unit 5: 
कहानी (व्याखयात्मक एवं आलोचनात्मक अध्ययन)
9.00

सरहद के इस पार     - नासिरा शर्मा
नील कांत का सफर     - स्वयं प्रकाद्गा
जिनावर         - चित्रामुद्‌गल
 

Essential Readings: 

कहानी विविधा - सं० डॉ. हेतु भारद्वाज, पंचद्गाील प्रकाद्गान, जयपुर

References: 

हिन्दी साहित्य की प्रवृत्तियाँ: डॉ. जयकिद्गान प्रसाद खण्डेलवाल, प्रकाद्गाक, विनोद पुस्तक मंदिर, आगरा।
कहानीः नई कहानी - डॉ. नामवर सिंह, लोकभारती, इलाहाबाद
हिन्दी कहानीः उद्‌भव और विकास - डॉ. हेतु भारद्वाज, पंचद्गाील प्रकाद्गान, जयपुर
 

Academic Year: