इस पाठ्यक्रम का मूल उद्देद्गय है हिन्दी साहित्य की गद्य विधा कहानी के स्वरूप एवं परिभाषा को जानना, मुखय कहानीकारों का परिचय एवं कहानी के विभिन्न पक्षों को उजागर करना।
कहानी का रचना विधान
इतिहासः पृष्ठभूमि, आविर्भाव, विकास युग
नई कहानी
स्वातंज्ज्योत्तर कहानी की राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक परिस्थितियाँ
प्रेमचंद, जयद्गांकर प्रसाद, जैनेन्द्र कुमार, अज्ञेय, मोहन राकेद्गा, अमरकांत, नासिरा शर्मा, स्वयं प्रकाद्गा, चित्रामुद्गल।
पूस की रात - प्रेमचंद
मधुआ - जयद्गांकर प्रसाद
खेल - जैनेन्द्र कुमार
खितीन बाबू - अज्ञेय
मलबे का मालिक - मोहन राकेद्गा
दोपहर का भोजन - अमरकांत
सरहद के इस पार - नासिरा शर्मा
नील कांत का सफर - स्वयं प्रकाद्गा
जिनावर - चित्रामुद्गल
कहानी विविधा - सं० डॉ. हेतु भारद्वाज, पंचद्गाील प्रकाद्गान, जयपुर
हिन्दी साहित्य की प्रवृत्तियाँ: डॉ. जयकिद्गान प्रसाद खण्डेलवाल, प्रकाद्गाक, विनोद पुस्तक मंदिर, आगरा।
कहानीः नई कहानी - डॉ. नामवर सिंह, लोकभारती, इलाहाबाद
हिन्दी कहानीः उद्भव और विकास - डॉ. हेतु भारद्वाज, पंचद्गाील प्रकाद्गान, जयपुर