इस पाठ्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थी को हिंदी भाषा की उत्पत्ति एवं विकास तथा उसके व्याकरणिक व साहित्यिक पक्ष की सामान्य जानकारी प्राप्त करवाना है। ताकि विद्यार्थी अपने भावों विचारों की अभिव्यक्ति प्रभावशाली ढंग से कर सके । गद्य और पद्य के साथ-साथ व्याकरण से विद्यार्थियों की भाषा का शुद्धीकरण भी होगा जिससे कि वह अपने कार्य क्षेत्र में भाषा के माध्यम से अपनी योग्यता सिद्ध कर सके।
Course |
Learning outcome (at course level) |
Learning and teaching strategies |
Assessment Strategies |
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Paper Code |
Paper Title |
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FHI 100 |
हिंदी |
पाठ्यक्रम पूर्ण करने के पश्चात विद्यार्थी इनमें सक्षम होगा-
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Approach in teaching: प्रभावात्मक व्याख्यान विधि, प्रत्यक्ष उदाहरणों के माध्यम से शिक्षण, परिचर्चा |
Class test, Semester end examinations, Quiz, Solving problems in tutorials, Assignments |
देवनागरी लिपि और उसकी विशेषताएँ
देवनागरी लिपि का मानकीकरण
सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जागो फिर एक बार, भिक्षुक
हरिवंश राय बच्चनः पथ की पहचान
केदार नाथ अग्रवाल: यह धरती है उस किसान की
दुष्यन्त कुमारः हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल - मित्रता
महादेवी वर्माः सिस्तर का वास्ते
हरिशंकर परसाईः भोलाराम का जीव
प्रत्ययः व उपसर्ग
संधि (केवल स्वर- दीर्घ, गुण, यण, वृद्धि अयादि)
समासः (अव्ययीभाव, द्वंद्व, द्विगु, कर्मधारय, तत्पुरूष, बहुब्रीहि)
मुहावरे व लोकोक्तियाँ (राजस्थानी)
विलोम, पर्यायवाची(अमृत, अश्व, असुर, अरण्य, अनुराग, अम्बा, आँख, आकाश, आम, ईश्वर, कमल, कनक, बादल, जल, कामदेव, किरण, ग्ंागा, चतुर, तालाब, निशा, पवन, पत्थर, पृथ्वी, पहाड़, पुष्प)
संज्ञाः (व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, भाववाचक)
सर्वनामः (पुरूषवाचक, अनिश्चयवाचक, निश्चयवाचक, प्रश्नवाचक, सम्बन्धबोधक, निजवाचक)
विशेषणः (गुणवाचक, संख्यावाचक, परिमाणवाचक, सार्वनामिक विशेेषण)
क्रियाः कर्म के अनुसार (सकर्मक, अकर्मक),
क्रिया विशेषणः (काल वाचक, स्थानवाचक, परिमाणवाचक, रीतिवाचक)
साहित्य खण्ड: पद्य की निर्धारित रचनाओं के लिए उपलब्ध पुस्तकें
1. काव्यधारा - सं. डाॅ. राजकुमार सिंह परमार, इंडिया बुक हाऊस, जयपुर
2. पद्य संचयन - डाॅ. मकरन्द भट्ट साक्षी पब्लिशिंग हाऊस, जयपुर, संस्करण 2008
3. गद्य प्रभा - सं. डाॅ. राजेश अनुपम, युनिक बुक हाऊस, बीकानेर, संस्करण 2012
4. साये में धूप- दुष्यन्त कुमार, राधाकृष्ण प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली, बीसवाँ संस्करण - 2009
5. गद्य-पद्य संचयन, डाॅ. अशोक गुप्ता एवं डाॅ. रजनीश भारद्वाज, राजस्थान प्रकाशन जयपुर, प्रथम संस्करण, 2004
6. गद्य मंजूषा- संपादक प्रो.नंदकिशोर पांडेय, प्रो. दीपेंद्र सिंह जाडेजा, प्रभात प्रकाशन प्राईवेट लि0, नई दिल्ली, प्रथम संस्करण, 2022
7. हरिशंकर परसाई (संकलित रचनाएं), संपादकः श्याम कश्यप, नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया, नई दिल्ली, दूसरी आवृत्ति 2012
1. हिन्दी भाषा ज्ञान - डॉ. हरिचरण शर्मा, राजस्थान प्रकाशन, जयपुर