हिन्दी भाषा का परिचय
देवनागरी लिपि और उसकी विषेषताएं
सुभदªा कुमारी चैहान: वीरों का कैसा हो बसंत
सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ः (क) जागो फिर एक बार (ख) तोड़ती पत्थर
हरिवंष राय बच्चनः (क) पथ की पहचान (ख) लहरों का निमंत्रण (केवल छः भाग)
केदार नाथ अग्रवाल: (क) यह धरती है उस किसान की
महादेवी वर्मा: सिस्तर के वास्ते
हरिषंकर परसाई:वैष्णव की फिसलन
ऊषा प्रियवदा: वापसी
प्रत्ययः व उपसर्ग
संधि (केवल स्वर- दीर्घ, गुण, यण, वृद्धि, अयादि)
समासः (अव्ययीभाव, द्वंद्व, द्विगु, कर्मधारय, तत्पुरूष, बहुब्रीहि)
मुहावरे व लोकोक्Ÿिायाँ (राजस्थानी)
विलोम, पर्यायवाची
संज्ञाः (व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, भाववाचक)
सर्वनामः (पुरूषवाचक, अनिष्चयवाचक, निष्चयवाचक, प्रष्नवाचक, सम्बन्धबोधक, निजवाचक)
विषेषणः (गुणवाचक, संख्यावाचक, परिमाणवाचक, सार्वनामिक विषेषण)
क्रियाः कर्म के अनुसार (सकर्मक, अकर्मक),
क्रिया विषेषणः (काल वाचक, स्थानवाचक, परिमाणवाचक, रीतिवाचक)
साहित्य खण्ड: पद्य की निर्धारित रचनाओं के लिए उपलब्ध पुस्तकें
1. काव्यधारा - सं. डाॅ. राजकुमार सिंह परमार, इंडिया बुक हाऊस, जयपुर
2. पद्य संचयन - डाॅ. मकरन्द भट्ट साक्षी पब्लिषिंग हाउस, जयपुर।
3. गद्य प्रभा - सं. डाॅ. राजेष अनुपम, युनिक बुक हाउस, जयपुर।
व्याकरण खण्ड - सहायक पुस्तकें
1. हिन्दी भाषा ज्ञान - डाॅ. हरिचरण शर्मा, राजस्थान प्रकाषन, जयपुर
2. हिन्दी भाषा, व्याकरण और रचना - डाॅ. अर्जुनतिवारी, विष्वविद्यालय प्रकाषन, वाराणसी।
3. परिष्कृत हिन्दी व्याकरण - बदरी नाथ कपूर, प्रभात प्रकाषन, दिल्ली।