उद्देश्य- स्वतंत्रता के पश्चात हिंदी को राजभाषा के पद पर प्रतिष्ठित किया गया। जिसके पश्चात ' संपर्क भाषा' के रूप में हिंदी की स्थिति मजबूत बनी ।इसके चलते अहिंदी भाषी क्षेत्रों में निवास करने वाले नागरिकों के लिए भी हिंदी का लिखित और मौखिक ज्ञान आवश्यक हो जाता है। प्रस्तुत पाठ्यक्रम ऐसे अहिंदी भाषी विद्यार्थियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और उपयोगी होगा जिससे कि वह संपूर्ण देश से जुड़ सकें भाषा के माध्यम से।
Course outcome -
Course |
Learning outcome (at course level) |
Learning and teaching strategies |
Assessment Strategies |
|
Paper Code |
Paper Title |
|||
FEH 100 |
Prarambhik Hindi I |
पाठ्यक्रम पूर्ण करने के पश्चात विद्यार्थी इनमें सक्षम होगा-
CO 1 हिंदी भाषा और उसकी उत्पत्ति के मूल सिद्धांतों व अवधारणाऔं का सामान्य परिचय प्राप्त होगा CO 2 हिंदी की लिपि व वर्णमाला का ज्ञान प्राप्त होगा। CO 3अपनी बात को आत्मविश्वास व स्पष्टता के साथ सहज तरीके से अभिव्यक्त कर सकेगा। CO 4विषय सामग्री के माध्यम से संदर्भ के अनुसार नए शब्दों का अर्थ जानेगा CO 5दैनिक जीवन में औपचारिक -अनौपचारिक अवसरों पर उपयोग की जा रही भाषा को समझने में सक्षम होगा। CO 6 व्याकरण के सामान्य ज्ञान से भाषा में शुद्धता आएगी CO 7 हिंदी भाषा में लिखित साहित्य को पढ़ने में रुचि जागृत होगी |
Approach in teaching: प्रभावात्मक व्याख्यान विधि, प्रत्यक्ष उदाहरणों के माध्यम से शिक्षण, परिचर्चा
Learning activities for the students: स्व मूल्यांकन असाइनमेंट, प्रभावात्मक प्रश्न, विषय अनुसार लक्ष्य देना, प्रस्तुतीकरण |
Class test, Semester end examinations, Quiz, Solving problems in tutorials, Assignments |
भाषा, लिपि, वर्णमाला (स्वर और व्यंजन)
शब्द समूह (परिचयात्मक)
संज्ञा : (व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, भाववाचक)
सर्वनाम : (पुरूषवाचक, अनिश्चयवाचक ,निश्चयवाचक, प्रश्नवाचक, सम्बन्धबोधक, निजवाचक)
लिंग, वचन, कारक
दो गीतः दो कहानी
एक राजाः तीन शेर,, कीचड़ का कमल
निर्धारित पुस्तकें
सत्र 1: राष्ट्रीय गौरव के चिह्न भाग 1, प्रकाशक मयूर पेपर बैक्स
व्याकरण खण्ड (सहायक पुस्तकें)
1.सरस्वती मानक हिन्दी व्याकरण तथा रचना - डाॅ. कमल सत्यार्थी, डाॅ. रवि प्रकाश गुप्त, दीप्ति प्रकाश, सरस्वती हाउस प्रा.लि. नई दिल्ली।
2. नवयुग हिन्दी व्याकरण तथा रचना - डाॅ. अशोक बत्रा, लक्ष्मी पब्लिकेशन्स प्रा. लि.।
3. मोहित व्याकरण व्यवहार - डाॅ. कमल ्र सत्यार्थी, पाल शर्मा, मोहित पब्लिशर्स एण्ड एजुकेशनल ऐड्स प्रीत विहारर्, ाी, श्रीमती सुमन नई दिल्ली।