उद्देश्य- इस पाठ्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थी वाणिज्य एवं व्यापार के क्षेत्र में प्रयुक्त होने वाली हिंदी भाषा व पारिभाषिक शब्दावली में निपुण होकर अपने कार्य क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।साथ ही विभिन्न सरकारी कार्यालय , शिक्षण संस्थान एवं बैंक आदि क्षेत्रों में स्वयं की योग्यता सिद्ध कर सकते हैं। इस दृष्टि से यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।
Course Outcome -
Course |
Learning outcome (at course level) |
Learning and teaching strategies |
Assessment Strategies |
|
Paper Code |
Paper Title |
|||
AHIN-100B |
Business Communication Hindi |
पाठ्यक्रम पूर्ण करने के पश्चात विद्यार्थी इनमें सक्षम होगा- CO 1हिंदी भाषा की उत्पत्ति एवं उसके प्रयोग के क्षेत्रों के सामान्य ज्ञान से परिचित होगा CO 2राजभाषा, राष्ट्रभाषा, राज्य भाषा, साहित्यिक भाषा तथा सामान्य बोलचाल की भाषा के अंतर को समझ पाने में समर्थ होगा CO 3प्रयोजनमूलक हिंदी के सामान्य प्रयोग रूपों से परिचित होने के साथ ही विशिष्ट रूप से वाणिज्य क्षेत्र में प्रयुक्त होने वाले भाषिक रूप से परिचित होगा CO 4व्यावसायिक पत्र लेखन में निपुण होगा CO 5व्यावसायिक तथा बैंकिंग क्षेत्र में प्रयुक्त हिंदी व अंग्रेजी पारिभाषिक शब्दों का ज्ञान प्राप्त होगा CO 6प्रेस प्रबंधन के विभिन्न विभागों व उनके कार्यों से परिचित हो भविष्य में एक सुदृढ़ प्रबंधन का कार्य कर सकता है CO 7बाजार संवाददाता के रूप में कार्य कर सकता है |
Approach in teaching: प्रभावात्मक व्याख्यान विधि, प्रत्यक्ष उदाहरणों के माध्यम से शिक्षण, परिचर्चा
Learning activities for the students: स्व मूल्यांकन असाइनमेंट, प्रभावात्मक प्रश्न, विषय अनुसार लक्ष्य देना, प्रस्तुतीकरण |
Class test, Semester end examinations, Quiz, Solving problems in tutorials, Assignments |
1. हिन्दी भाषा परिचय
2. प्रयोजन मूलक हिन्दी की आवष्यकता एवं महत्व
3. प्रयोजन मूलक हिन्दी के विविध रूप
(क) वाणिज्य और व्यापार के क्षेत्र में हिन्दी
(ख) कार्यालयी हिन्दी
(ग) संचार माध्यमों में हिन्दी
(घ) विज्ञापन के क्षेत्र में हिन्दी
(ड़) वैज्ञानिक और तकनीकी हिन्दी
1. व्यावसायिक हिन्दी एक विषेष प्रयुक्ति क्षेत्र, व्यावसायिक शब्दावली
2. व्यावहारिक और व्यावसायिक पत्र:
(क) व्यावसायिक पत्र: स्वरूप एवं प्रारूप
(ख) व्यावसायिक पत्रों के कुछ नमूने - मूल्य की पूछताछ संबंधी, आदेष
रद्द करने संबंधी, षिकायती पत्र, बीमा और बीमा पत्र
1. अनुवाद का स्वरूप और परिभाषा
2. अनुवादक के गुण
3. वाणिज्यिक अनुवाद
4. बैकिंग साहित्य में अनुवाद, बैंक शब्दावली
5. अनुवाद अंग्रेजी से हिन्दी/ हिन्दी से अंग्रेजी
1. भूमिका
2. प्रबंध संपादक की भूमिका
3. प्रबंधन के प्रकार- विज्ञापन प्रबंधन, प्रसार प्रबंधन, कार्यालय प्रबंधन
1. अर्थ, उपयोगिता, प्रकार
2. बाज़ार समाचार में भाषा का विषिष्ट प्रयोग
3. बाज़ार समाचार की तकनीकी शब्दावली
अनिवार्य पुस्तकें-
1. प्रयोजन मूलक हिन्दी: सिद्धांत और प्रयोग - दंगल झाल्टे, वाणी प्रकाशन, 21-ए दरियागंज, नई दिल्ली, संस्करण 2006
2. प्रयोजन मूलक हिन्दी: संरचना एवं अनुप्रयोग - डाॅ. राम प्रकाश, डाॅ. दिनेश गुप्त, राधाकृष्ण प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड, 7/31, अंसारी मार्ग, दरिया गंज, नई दिल्ली, संस्करण 2008
3. व्यावसायिक हिन्दी - दिलीप सिंह, उच्च शिक्षा और शोध संस्थान, दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा, मद्रास, प्रथम संस्करण 1992
4. प्रयोजनमूलक हिन्दी और पत्रकारिता - डाॅ. दिनेश प्रसाद सिंह, वाणी प्रकाशन, 21-ए दरियागंज, नई दिल्ली, प्रथम संस्करण 2007
5. प्रयोजनमूलक मानक हिन्दी-ओंकारनाथ वर्मा, भारत बुक स्टोर, लखनऊ, द्वितीय संस्करण
सहायक पुस्तकें-
1. प्रयोजनमूलक हिन्दी के विविध रूप - डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद मिश्र, राकेष शर्मा, तक्षशिला प्रकाशन, 98- ए, हिन्दी पार्क दरियागंज, नई दिल्ली, प्रथम संस्करण 2005
2. अनुवाद विज्ञान और संप्रेषण - डाॅ. हरिमोहन, तक्षशिला प्रकाशन, 98ए, हिंदी पार्क, दरियागंज, नई दिल्ली, द्वितीय संस्करण 2006