हिन्दी भाषा और संप्रेषण

Paper Code: 
IHIN 200
Credits: 
02
Contact Hours: 
30.00
Max. Marks: 
100.00
Objective: 

इस पाठ्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थी को भाषा की उत्पत्ति एवं विकास के साथ ही हिंदी भाषा की उत्पत्ति तथा उसकी व्याकरणिक विशेषताओं की सामान्य जानकारी प्राप्त करवाना है। ताकि विद्यार्थी हिंदी भाषा की वर्ण व्यवस्था आदि व्याकरणिक आधारों का परिचय प्राप्त कर भाषा के उच्चारण , लेखन तथा पठन में शुद्ध रूप का प्रयोग कर अपने कार्य क्षेत्र में भाषा के माध्यम से अपनी योग्यता सिद्ध कर सके।

Course Outcome:

Course Outcome

Learning and teaching strategies

Assessment Strategies

 
 

पाठ्यक्रम पूर्ण करने के पश्चात विद्यार्थी इनमें सक्षम होगा-

  1. भाषा और उसकी उत्पत्ति के मूल सिद्धांतों अवधारणाओं का सामान्य परिचय प्राप्त कर भाषिक परिवर्तनों को समझने में सक्षम हो पाएगा
  2. हिंदी भाषा की उत्पत्ति एवं व्याकरणिक विशेषताओं से परिचित हो हिंदी भाषा के विकास क्रम को समझने में सक्षम हो पाएगा
  3. वर्णों के भेदों एवं उच्चारण स्थानों का ज्ञान प्राप्त कर भाषा लेखन एवं उच्चारण में शुद्ध रूप का प्रयोग कर पाएगा
  4. प्रभावी संप्रेषण का महत्व समझने के साथ-साथ विद्यार्थी रोजगार के विभिन्न क्षेत्रों हेतु लेखन, वाचन, पठन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा पाएगा
  5. विभिन्न प्रकार के पत्र लेखन शैली से परिचित हो जीवन में उसका प्रयोग कर लाभ प्राप्त कर पाएगा

Approach in teaching:

प्रभावात्मक व्याख्यान विधि, प्रत्यक्ष उदाहरणों के माध्यम से शिक्षण, परिचर्चा

 

 

Class test, Semester end examinations, Quiz, Solving problems in tutorials, Assignments

 

 

Unit 1: 
-
6.00

भाषा की परिभाषा, प्रकृति एवं विविध रूप

हिन्दी भाषा की विशेषताएँ: क्रिया, विभक्ति, सर्वनाम, विशेषण एवं अव्यय संबंधी

Unit 2: 
-
6.00
हिन्दी की वर्ण-व्यवस्था: स्वर एवं व्यंजन
स्वर के प्रकार- हृस्व, दीर्घ तथा संयुक्त 
व्यंजन के प्रकार- स्पर्श, अन्तस्थ, ऊष्म, अल्पप्राण, महाप्राण, घोष तथा अघोष
वर्णों का उच्चारण स्थान: कण्ठ्य, तालव्य, मूर्द्धन्य, दन्त्य, ओष्ठ्य तथा दन्तोष्ठ्य
Unit 3: 
-
6.00

बलाघात, संगम, अनुतान तथा संधि

Unit 4: 
-
भाषा संप्रेषण के चरण: श्रवण, अभिव्यक्ति, वाचन तथा लेखन।
हिन्दी वाक्य रचना, वाक्य और उपवाक्य। वाक्य भेद। वाक्य का रूपान्तर।
Unit 5: 
-
6.00
भावार्थ और व्याख्या, आशय लेखन,
पत्र लेखन- प्रार्थना पत्र, आवेदन पत्र, शिकायती पत्र, अभिनंदन पत्र, व्यावसायिक पत्र।
Essential Readings: 
  • सहायक पुस्तकें: 
  • सरस्वती मानक हिन्दी व्याकरण तथा रचना - डां. कमल सत्यार्थी
  • परिष्कृत हिन्दी व्याकरण - बदरीनाथ कपूर
  • हिन्दी व्याकरण - कामता प्रसाद गुरू
  • मानक हिन्दी का स्वरूप,भोलानाथ तिवारी, प्रभात प्रकाशन, नई दिल्ली-11002
  • संक्षेपण और पल्लवन - कैलाष चन्द भाटिया/तुमन सिंह, प्रभात प्रकाशन दिल्ली।
  • हिन्दी व्यावहारिक ज्ञान, माणक चंद भगत, जयपुर पब्लिषिंग हाउस, जयपुर
  • पत्र व्यवहार निर्देषिका, डा. भोलानाथ तिवारी, डा. विजय कुलश्रेष्ठ
  • संप्रेषण-परक व्याकरणः सिद्धांत और स्वरूप, सुरेश कुमार
  • हिन्दी का सामाजिक संदर्भ, रवीन्द्रनाथ श्रीवास्तवा
  • रचना का सरोकार, विश्वनाथ प्रसाद तिवारी
  • हिन्दी भाषा और संप्रेषण, डॉ0 रूचिरा ढींगरा, डॉ0 आलोक रंजन पांडेय, प्रकाशक-STS Book Depot
  • हिन्दी भाषा संप्रेषण और संचार, डॉ0 अनिरूद्ध कुमार ’सुधांशु’, डॉ0 महन्थी प्रसाद यादव, प्रकाशक श्री नटराज प्रकाशन, दिल्ली।
 
References: 

ई-पाठ्यसामग्रीः

शोध पत्र-पत्रिकाएँः
  • साहित्य अमृत मासिक पत्रिका
  •  हंस, संपादकः संजय सहाय, अक्षर प्रकाशन प्रा0 लि0, नई दिल्ली
  • वागार्थ, भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता
Academic Year: