Prayojanmulak Hindi

Paper Code: 
FHI 200
Credits: 
2
Contact Hours: 
30.00
Max. Marks: 
100.00
Unit 1: 
प्रयोजन मूलक हिन्दी: अवधारणा और विविध क्षेत्र
6.00

1.    प्रयोजन मूलक हिन्दी -अर्थ व परिभाषा
2.    प्रयोजन मूलक हिन्दी की विषेषताएं
3.    प्रयोजन मूलक हिन्दी का महत्व
4.    प्रयोजन मूलक हिन्दी के विविध रूप

 

Unit 2: 
अनुवाद
6.00

1-    अनुवाद का अर्थ, परिभाषा व प्रकार
2-    अनुवाद की प्रक्रिया
3-    अनुवादक के गुण
4-    अनुवाद-अंग्रेजी से हिन्दी / हिंदी से अंग्रेजी
5-    पारिभाषिक शब्दावली

 

Unit 3: 
प्रयोजन मूलक हिन्दी: प्रयोग के क्षेत्र
6.00

1-   संक्षेपण -    महत्व, प्रक्रिया, विशेषताए एवं संक्षेपक के गुण
2-   पल्लवन - महत्व, प्रक्रिया एवं भाषा
3-    प्रतिवेदन (रिपोर्ट)- परिभाषा, प्रारूप, प्रक्रिया, प्रतिवेदन लेखन (राजनीति, प्राकृतिक आपदा)

 

Unit 4: 
पत्र लेखन
6.00

1-    प्रार्थना पत्र
2-    आवेदन पत्र
3-    सरकारी पत्राचार: सरकारी पत्र, अर्द्धसरकारी पत्र, कार्यालय ज्ञापन, परिपत्र, कार्यालय आदेश, अधिसूचना, निविदा, प्रेस विज्ञप्ति

 

Unit 5: 
प्रयोजनमूल ंिहंदी के सृजनात्मक आयाम
6.00
प्रयोजनमूल ंिहंदी के सृजनात्मक आयाम

1-    समाचार लेखन
2-    विज्ञापन लेखन- अर्थ, प्रकार व विज्ञापनों में प्रयुक्त हिन्दी
3-    अनुच्छेद लेखन (Article)

 

Essential Readings: 

1-    प्रयोजन मूलक हिन्दी: सिद्धांत और प्रयोग - दंगल झाल्टे, वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली।
2-    प्रयोजन मूलक हिन्दी - विनोद शाही, आधार प्रकाशन, पंचकूला, हरियाणा
3-    प्रयोजन मूलक हिन्दी के विविध रूप - डाॅ. राजेन्दª मिश्र, राकेश शर्मा, तक्षशिला प्रकाशन, 98- हिन्दी पार्क, दरियागंज, नई दिल्ली-110002
4-    प्रयोजन मूलक हिन्दी - संरचना एवं अनुप्रयाग- डाॅ. राम प्रकाश, डाॅ- दिनेश गुप्त
5-    संक्षेपण और पल्लवन - कैलाश चंद्र भाटिया/तुमन सिंह, प्रभात प्रकाशन, दिल्ली।
6-    पत्रकारिता एवं सपादन कला, तुमन सिंह सी-पंत, राधा पब्लिकेशन, नई दिल्ली- 110002
द्वितीय परिवर्धित एवं परिमार्जित संस्करण 2015
7-    पत्र व्यवहार निर्देशिका, डाॅ- भोलानाथ तिवारी, डाॅ- विजय कुलश्रेष्ठ।

Academic Year: