स्वतंत्रता के पश्चात हिंदी को राजभाषा के पद पर प्रतिष्ठित किया गया। जिसके पश्चात ' संपर्क भाषा' के रूप में हिंदी की स्थिति मजबूत बनी ।इसके चलते अहिंदी भाषी क्षेत्रों में निवास करने वाले नागरिकों के लिए भी हिंदी का लिखित और मौखिक ज्ञान आवश्यक हो जाता है। प्रस्तुत पाठ्यक्रम ऐसे अहिंदी भाषी विद्यार्थियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और उपयोगी होगा जिससे कि वह संपूर्ण देश से जुड़ सकें भाषा के माध्यम से।
Course Outcome:
Course |
Learning outcome (at course level) |
Learning and teaching strategies |
Assessment Strategies |
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Paper Code |
Paper Title |
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FEH 200 |
प्रारंभिक हिन्दी II |
पाठ्यक्रम पूर्ण करने के पश्चात विद्यार्थी इनमें सक्षम होगा- CO 1 विलोम शब्दों के ज्ञान से शब्दों के अर्थ व उनके उचित प्रयोग के महत्व को समझ पाएगा तथा युग्म शब्द एवं पर्यायवाची शब्दों के ज्ञान से उसके शब्द भंडार में वृद्धि होगी CO 2अपनी बात को आत्मविश्वास व स्पष्टता के साथ सहज तरीके से अभिव्यक्त कर सकेगा। CO 3विषय सामग्री के माध्यम से संदर्भ के अनुसार नए शब्दों का अर्थ जानेगा CO 4दैनिक जीवन में औपचारिक -अनौपचारिक अवसरों पर उपयोग की जा रही भाषा को समझने में सक्षम होगा। CO 5 व्याकरण के सामान्य ज्ञान से भाषा में शुद्धता आएगी |
Approach in teaching: प्रभावात्मक व्याख्यान विधि, प्रत्यक्ष उदाहरणों के माध्यम से शिक्षण, परिचर्चा
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Class test, Semester end examinations, Quiz, Solving problems in tutorials, Assignments |
विलोम, युग्म शब्द, पर्यायवाची
डॉ. हरिकृष्ण देवसरेः एक सपनाः तीन रंग, डॉ. हरिकृष्ण देवसरेः बारह भाईः छह बहनें
डॉ. हरिकृष्ण देवसरेः जंगल में मोर नाचा
डॉ. हरिकृष्ण देवसरेः जंगल का राजा