इस पाठ्यक्रम का उद्देद्गय हिन्दी साहित्य की गद्य विधा निबंध में भारतेंदु से लेकर स्वतंत्रता के पश्चात आने वाले परिवर्तनों की जानकारी एवं राष्ट्र भाषा के मानकीकरण के साथ कम्प्यूटर और हिन्दी का संबंध जानना है।
हिन्दी निबंध का उद्भव
भारतेन्दु युगीन निबंध एवं उनकी विद्गोषताएँ
द्विवेदी युगीन निबंध एवं उनकी विद्गोषताएँ
शुक्ल युगीन निबंध एवं उनकी विद्गोषताएँ
स्वातंज्ज्योत्तर युग का निबंध साहित्य
अद्भुत अपूर्व स्वप्न - भारतेंदु हरिद्गचन्द्र
उत्साह - रामचन्द्र शुक्ल
मेरी साहित्यिक मान्यताएँ - नगेन्द्र
द्गिारीष के फूल - हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
लेखक की स्वतंत्रताः आज के संदर्भ में - निर्मल वर्मा
साहित्य की मुक्ति या कछुआ धर्म? - डॉ. नामवर सिंह
संरचना के आधार पर निबंधों के भेद
निबंध संचयन- डॉ. हेतु भारद्वाज, पंचद्गाील प्रकाद्गान, जयपुर
हिन्दी साहित्य की प्रवृत्तियाँ - डॉ. जयकिद्गान प्रसाद खण्डेलवाल, प्रकाद्गाक विनोद पुस्तक मंदिर, आगरा।
हिन्दी भाषा-उद्भव और विकासः डॉ. हेतु भारद्वाज, डॉ. रमेद्गा रावत, पंचद्गाील प्रकाद्गान, जयपुर।
हिन्दी भाषाः भोलानाथ तिवारी, किताब महल प्रकाद्गान