इस पाठ्यक्रम में सामान्य हिंदी और प्रयोजनमूलक हिंदी दोनों को ही सम्मिलित किया गया है।गद्य और पद्य के साथ-साथ व्याकरण से विद्यार्थियों की भाषा का शुद्धीकरण भी होगा और प्रयोजनमूलक हिंदी पढ़ कर वे अपने विभिन्न कार्य क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। सरकारी कार्यालय और शिक्षण आदि क्षेत्रों में स्वयं की योग्यता सिद्ध कर सकते हैं। इस दृष्टि से यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा ।
Course |
Learning outcome (at course level) |
Learning and teaching strategies |
Assessment Strategies |
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Paper Code |
Paper Title |
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AHIN 200 A |
Communication Hindi |
पाठ्यक्रम पूर्ण करने के पश्चात विद्यार्थी इनमें सक्षम होगा- CO 1विभिन्न विद्वानों की रचनाओं को पढ़ से उनमें विवेचित विषयों को समझने और समझाने की क्षमता विकसित होने के साथ ही शब्द भंडार में वृद्धि होगी CO 2साहित्य के माध्यम से अतीत और वर्तमान समाज की सांस्कृतिक, राजनीतिक ,आर्थिक ,सामाजिक तथा धार्मिक स्थितियों का मूल्यांकन कर समाज को निकटता से देख और समझ पाएगा CO 3व्याकरण के सामान्य नियमों की जानकारी से उच्चारण व लेखन में भाषा की शुद्धता का ध्यान रखना सीखेगा CO 4सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों के विभिन्न पत्राचारों की भाषा प्रयोग में निपुण होगा CO 5संक्षेपण व पल्लवन के माध्यम से भावों के प्रस्तुतीकरण का तरीका सीखेगा |
Approach in teaching: प्रभावात्मक व्याख्यान विधि, प्रत्यक्ष उदाहरणों के माध्यम से शिक्षण, परिचर्चा
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Class test, Semester end examinations, Quiz, Solving problems in tutorials, Assignments |
संज्ञाः (व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, भाववाचक)
सर्वनामः (पुरूषवाचक, अनिश्चयवाचक, निश्चयवाचक, प्रश्नवाचक, सम्बन्धबोधक, निजवाचक)
विशेषणः (गुणवाचक, संख्यावाचक, परिमाणवाचक, सार्वनामिक विशेषण)
क्रियाः कर्म के अनुसार (सकर्मक, अकर्मक),
क्रिया विशेषणः (काल वाचक, स्थानवाचक, परिमाणवाचक, रीतिवाचक)
1- संक्षेपण -महत्व, प्रक्रिया, विशेेषताएँ एवं सक्षेपक के गुण
2- पल्लवन - महत्व, प्रक्रिया, एवं भाषा
3- प्रतिवेदन - (रिपोर्ट) परिभाषा, प्रारूप, प्रक्रिया एवं प्रशासनिक पत्राचार