इस पाठ्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थी को संस्कृत भाषा की व्याकरणिक एवं रचनात्मक पक्ष की सामान्य जानकारी प्राप्त करवाना है। ताकि विद्यार्थी व्याकरणिक पक्ष में समृद्ध हो अपने भावों व विचारों का सम्प्रेषण प्रभावशाली तरीके से कर सके।
Course |
Course Outcome (at course level) |
Learning and teaching strategies |
Assessment Strategies |
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Paper Code |
Paper Title |
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24ISIN200 |
संस्कृत व्याकरण एवं काव्य |
CO7: समास का ज्ञान प्राप्त करके लेखन व उच्चारण में व्याकरण सम्मत भाषा का प्रयोग करने में सक्षम होगा।CO8: प्रत्यय के नियमों से अवगत होकर प्रत्यय युक्त शब्दों का प्रयोग कर पाएगा। CO9: महाकाव्य विधा से परिचित होकर अन्य महाकाव्यों के रसास्वादन में रुचि ले पाएगा। CO10: रघुवंशम् महाकाव्य के माध्यम से अपने जीवन में व्यावहारिक शिक्षा ग्रहण कर पाएगा। CO11: विषय के अनुरूप अपने विचारों को प्रभावी तरीके से व्यक्त कर पाएगा। CO12: विषय के अनुरूप अपने विचारों को प्रभावी तरीके से व्यक्त कर पाएगा। |
शिक्षण विधियाँः प्रभावात्मक व्याखान विधि, प्रत्यक्ष उदाहरणों के माध्यम से शिक्षण, परिचर्चा
छात्र अनुगमन गतिविधियाँः स्व मूल्यांकन समनुदेशन, प्रभावात्मक प्रश्न, विषय अनुसार लक्ष्य देना, प्रस्तुतीकरण
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शिक्षण विधियाँः प्रभावात्मक व्याखान विधि, प्रत्यक्ष उदाहरणों के माध्यम से शिक्षण, परिचर्चा छात्र अनुगमन गतिविधियाँः स्व मूल्यांकन समनुदेशन, प्रभावात्मक प्रश्न, विषय अनुसार लक्ष्य देना, प्रस्तुतीकरण
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समास-परिचय (अव्ययीभाव, तत्पुरुष, कर्मधारय, द्विगु, द्वन्द्व, बहुव्रीहि समास)
प्रत्यय-परिचय
महाकविकालिदास कृत रघुवंशम्, प्रथम सर्ग (श्लोक संख्या 1-25)
महाकविकालिदास कृत रघुवंशम्, प्रथम सर्ग (श्लोक संख्या 26-50)
(1) कारक-उपपद विभक्तियों का परिचय