प्रारम्भिक संस्कृत व्याकरण

Paper Code: 
25ISAN100
Credits: 
02
Contact Hours: 
30.00
Max. Marks: 
100.00
Objective: 

इस पाठ्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थी को संस्कृत भाषा की व्याकरणिक एवं रचनात्मक पक्ष की सामान्य जानकारी प्राप्त करवाना है। ताकि विद्यार्थी व्याकरणिक पक्ष में समृद्ध हो अपने भावों व विचारों का सम्प्रेषण प्रभावशाली तरीके से कर सकें।

 

Course Outcomes: 

Course

Course Outcome

(at course level)

Learning and teaching strategies

Assessment Strategies

Paper Code

Paper Title

25ISIN-100

प्रारम्भिक संस्कृत व्याकरण

CO1: वर्ण समुदाय, प्रत्याहार एवं उच्चारण स्थान तथा प्रयत्न आदि का ज्ञान प्राप्त कर संस्कृत भाषा का शुद्ध रूप में विवेचन कर पाएगा।

CO2:अच् संधि के मुख्य सूत्रों का अर्थ करते हुए संधि के नियमों की जानकारी प्राप्त कर शब्दों में   संधि-विच्छेद करने में समर्थ होगा।

CO3:हल् तथा विसर्ग सन्धि के  मुख्य सूत्रों को समझकर शब्दों में   संधि-विच्छेद करने में समर्थ हो  पाएगा।

CO4:अव्यय शब्दों को समझकर तथा वाच्य विभेदों का ज्ञान प्राप्त करके संस्कृत वाचन, लेखन, पठन में सक्षम हो पाएगा

 

CO5:  धातुरूप एवं शब्दरूप के द्वारा संस्कृत वाक्य बनाने में सक्षम हो पाएगा।

CO6: विषय के अनुरूप अपने विचारों को प्रभावी तरीके से व्यक्त कर पाएगा।

 
शिक्षण विधियाँः प्रभावात्मक व्याखान विधि, प्रत्यक्ष उदाहरणों के माध्यम से शिक्षण, परिचर्चा
 
 
 
छात्र अनुगमन गतिविधियाँः स्व मूल्यांकन समनुदेशन, प्रभावात्मक प्रश्न, विषयानुसार  लक्ष्य देना, प्रस्तुतीकरण

 

कक्षा परीक्षण, प्रश्नोत्तरी, समनुदेशन, समूह चर्चा और प्रस्तुति, परियोजना कार्य, उपशिक्षण में समस्याओं का समाधान, मुख्य परीक्षाएँ

 

Unit 1: 
ईकाई-1
6.00

वर्ण विचार- माहेश्वर सूत्र, प्रत्याहार, वर्णाें के उच्चारण स्थान एवं प्रयत्न

Unit 2: 
ईकाई-2
6.00

संधि- अच् संधि

Unit 3: 
ईकाई-3
6.00

संधि- हल् संधि, विसर्ग संधि

Unit 4: 
ईकाई-4
6.00
(1) अव्यय का परिचय- अत्र, तत्र, यत्र, सर्वत्र, यदा, तदा, कदा, एकदा, अधुना, अद्य, श्वः, ह्य, किम्, कुत्र, कुतः, कथम्, किमर्थम्, च, अपि, यदि, तर्हि, एव
 
(2) वाच्य - कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य, भाववाच्य
 
Unit 5: 
ईकाई-5
6.00
(1) धातुरूप- पठ्, भू, गम्, कृ (करना), सेव्, लिख्, दृश् (पश्य) (लट्, लृट्, लोट्, लङ् लकार)
(2) शब्दरूप- अस्मद् (मैं), युष्मद् (तुम), अदस् (यह), तत्, राम, हरि, गुरु, लता, नदी, पुस्तक
 
Essential Readings: 
निर्धारित पुस्तकें : 
  • लघुसिद्धान्तकौमुदी - श्री धरानन्द शास्त्री
  • रचनानुवादकौमुदी - डाॅ. कपिलदेव द्विवेदी
 
References: 
सहायक पुस्तकें: 
  • लघुसिद्धान्तकौमुदी - श्री धरानन्द शास्त्री
  • सिद्धांतकौमुदी - वासुदेव लक्ष्मणशास्त्री पणशीकर
  • अनुवादचन्द्रिका (व्याकरण कौस्तुभ)- डाॅ. द्रोणाचार्य पाण्डेय 
  • संस्कृत व्याकरण - प्रवेशिका - डाॅ. बाबूराम सक्सेना
Academic Year: