हिन्दी साहित्य के इतिहास में रीतिकाल अर्थात् उत्तर मध्यकाल के अन्तर्गत आने वाले कवियों की रचना की जानकारी, उस समय की प्रमुख प्रवृत्तियों और परिस्थितियों आदि के विषय में अध्ययन करना ही इस पाठ्यक्रम का उद्देद्गय है।
रीतिकाल की राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक एवं साहित्यिक परिस्थितियाँ
रीतिकालीन काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियाँ
रीतिबद्ध साहित्य की प्रमुख विद्गोषताएँ
रीतिसिद्ध साहित्य की प्रमुख विद्गोषताएँ
रीतिमुक्त साहित्य की प्रमुख विद्गोषताएँ
कवि परिचय
बिहारी रत्नाकार से २० दोहे
बिहारी का काव्य सौष्ठव
सतसई परंपरा में बिहारी
कवि परिचय
बोधा गं्रथावंली १० छंद
बोधा का काव्य सौष्ठव
कवि परिचय
संक्षिप्त राम चंद्रिका से - रावण अंगद संवाद
रामचंद्रिका में संवाद कौद्गाल
कवि परिचय
द्गिावराज भूषण और द्गिावाबावनी से ७ छंद
भूषण का काव्य सौष्ठव
संक्षिप्त राम चंद्रिका सं०. डॉ. महेन्द्र कुमार एवं डॉ. चन्द्रहंस पाठक, प्रकाद्गाक- आर्य बुुक डिपो, करौल बाग, नई दिल्ली।
रीतिकविता- डॉ. अद्गाोक कुमार गुप्ता, राजस्थान प्रकाद्गान, जयपुर।
हिन्दी साहित्य का अतीत (भाग १)-आचार्य विद्गवनाथ प्रसाद मिश्र वाणी प्रकाद्गान, नई दिल्ली,।
हिन्दी साहित्य की प्रवृत्तियाँ - डॉ. जयकिद्गान प्रसाद खण्डेलवाल, प्रकाद्गाक विनोद पुस्तक मंदिर, आगरा।