Hindi Ekanki HIN 301

Paper Code: 
HIN 301
Credits: 
3
Contact Hours: 
45.00
Max. Marks: 
100.00
Objective: 

इस पाठ्‌यक्रम का उद्‌देद्गय है छात्राओं को रंगमंच की जानकारी देना एवं एकांकी के प्रति रूचि पैदा करना। इसके साथ ही देद्गा में प्रचलित लोक पंरपराओं के विविध रूप का ज्ञान प्राप्त करना।

Unit 1: 
भारतीय रंगमंच
9.00

रंगमंच का अर्थ एवं स्वरूप
रंग प्रयोगः विविध आयाम- निर्देद्गाक, अभिनेता, रंग स्थली, दृद्गय योजना, रंग दृद्गय योजना, रंग दीपन (प्रकाद्गा व्यवस्था) रूप सज्जा, दर्द्गाक
भारतीय रंगमंचः विविध प्रयोग- १) अभिनयः आंगिक अभिनय, वाचिक अभिनय, आहार्य अभिनय, सात्विक अभिनय २) लोक परंपराएँ: विविध रूपः रामलीला, रासलीला, नौटंकी, कठपुतली,  खयाल

Unit 2: 
एकांकी का स्वरूप
9.00

१.   एकांकी का उद्‌्‌्‌भव और विकास
२.   एकांकी का स्वरूप, परिभाषा
३.   एकांकी के भेद
४.   एकांकी की रंगमंचीयता

Unit 3: 
हिन्दी एकांकी का प्रवृतिमूलक इतिहास
9.00

भारतेंदु युग में एकांकी का उद्‌भव
द्विवेदी युग में एकांकी का विकास
हिन्दी एकांकी में नवचेतना का जागरण

Unit 4: 
एकांकी (आलोचनात्मक एवं व्याखयात्मक अध्ययन)
9.00

स्ट्राइक         - भुवनेद्गवर
चंद्रलोक         - रामकुमार वर्मा
लक्ष्मी का स्वागत    - उपेन्द्र नाथ अद्गक

Unit 5: 
एकांकी (आलोचनात्मक एवं व्याखयात्मक अध्ययन)
9.00

रीढ़ की हड्‌डी     - जगदीद्गाचन्द्र माथुर
मद्गाीन         - सफदर हाद्गामी
हरीघास पर घंटेभर     - सुरेन्द्र वर्मा

Essential Readings: 

एकांकी सप्तकः भारत रत्न भार्गव, दी स्टूडेण्ट्‌स बुक कं. चौड ा रास्ता, जयपुर
हिन्दी रंगमंचः विविध आयामः डॉ. रेखा गुप्ता, बोहरा प्रकाद्गान, जयपुर

References: 

एकांकी और एकांकीकार - राम चरण महेन्द्र, वाणी प्रकाद्गान, नई दिल्ली।
हिन्दी एकांकी उद्‌भव और विकास - राम चरण महेन्द्र, वाणी प्रकाद्गान, नई दिल्ली।
हिन्दी साहित्य की प्रवृत्तियाँ-डॉ. जयकिद्गान प्रसाद, खण्डेलवाल, प्रकाद्गाक-विनोद पुस्तक मंदिर, आगरा।

Academic Year: