Communication Hindi

Paper Code: 
AHIN 200A
Credits: 
02
Contact Hours: 
30.00
Max. Marks: 
100.00
Objective: 

इस पाठ्यक्रम में सामान्य हिंदी और प्रयोजनमूलक हिंदी दोनों को ही सम्मिलित किया गया है।गद्य और पद्य के साथ-साथ व्याकरण से विद्यार्थियों की भाषा का शुद्धीकरण भी होगा और प्रयोजनमूलक हिंदी पढ़ कर वे अपने विभिन्न कार्य क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। सरकारी कार्यालय और शिक्षण आदि क्षेत्रों में स्वयं की योग्यता सिद्ध कर सकते हैं। इस दृष्टि से यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।

 

Course Outcomes: 

Course

Course

Learning and teaching strategies

Assessment Strategies

Course Code

Course Title

24AHIN200A

Communication Hindi

(Theory)

 

CO1: विभिन्न विद्वानों की रचनाओं को पढ़ से उनमें विवेचित विषयों को समझने और समझाने की क्षमता विकसित होने के साथ ही शब्द भंडार में वृद्धि होगी

CO2: साहित्य के माध्यम से अतीत और वर्तमान समाज की सांस्कृतिक, राजनीतिक ,आर्थिक ,सामाजिक तथा धार्मिक स्थितियों का मूल्यांकन कर पाएगा

CO3: व्याकरण के सामान्य नियमों की जानकारी से उच्चारण व लेखन में भाषा की शुद्धता का ध्यान रखना सीखेगा

CO4: व्याकरणिक कोटियों का सामान्य ज्ञान प्राप्त कर अर्थ एवं संदर्भ की दृष्टि से से शुद्ध विवेचन कर पाएगा

CO5: संक्षेपण व पल्लवन के माध्यम से भावों के प्रस्तुतीकरण  का तरीका सीखेगा l सरकारी  कार्यालयों के विभिन्न पत्राचारों की भाषा प्रयोग में निपुण होगा

CO6: विषय के अनुरूप अपनी बात को प्रभावात्मक तरीके से स्पष्ट कर पाएगा

शिक्षण विधियां : प्रभावात्मक व्याख्यान विधि, प्रत्यक्ष उदाहरणों के माध्यम से शिक्षण, परिचर्चा

 

 

छात्र अधिगमन गतिविधियां:

 स्व मूल्यांकन समनुदेशन, प्रभावात्मक प्रश्न, विषय अनुसार लक्ष्य देना, प्रस्तुतीकरण

 

 

कक्षा परीक्षण, प्रश्नोत्तरी,  समनुदेशन, समूह चर्चा और प्रस्तुति,परियोजना कार्य,उपशिक्षण में समस्याओं का समाधान, मुख्य परीक्षाएँ

 

Unit 1: 
पद्य:
6.00
मैथिलीशरण गुप्त- यशोधरा (आधुनिक काव्य संग्रह में संकतिल अंश)
माखनलाल चतुर्वेदी- पुष्प की अभिलाषा
सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’: जागो फिर एक बार (राष्ट्रभक्ति अंश)
रामधारी सिंह दिनकरः हिमालय
 
 
Unit 2: 
गद्य:
6.00
हरिशंकर परसाईः एकलव्य ने गुरु को अंगुठा दिखाया
महादेवी वर्मा: गिल्लू 
ऊषा प्रियवदा: वापसी
Unit 3: 
हिन्दी व्याकरण
प्रत्ययः व उपसर्ग 
संधि (केवल स्वर- दीर्घ, गुण, यण, वृद्धि, अयादि)
समासः (अव्ययीभाव, द्वंद्व, द्विगु, कर्मधारय, तत्पुरूष, बहुब्रीहि)
विलोम, पर्यायवाची (अमृत, अश्व, असुर, अरण्य, अनुराग, अम्बा, आँख, आकाश, आम,  ईश्वर,  कमल, कनक, बादल, जल, कामदेव, किरण, गंगा, चतुर, तालाब, निशा, पवन,  पत्थर, पृथ्वी, पहाड़, पुष्प) 
शब्द शुद्धि एवं वाक्य शुद्धि
Unit 4: 
व्याकरणिक कोटियाँ
6.00
संज्ञाः (व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, भाववाचक)
सर्वनामः (पुरूषवाचक, अनिश्चयवाचक, निश्चयवाचक, प्रश्नवाचक, सम्बन्धबोधक, निजवाचक)
विशेषणः (गुणवाचक, संख्यावाचक, परिमाणवाचक, सार्वनामिक विशेषण)
क्रियाः कर्म के अनुसार (सकर्मक, अकर्मक), 
क्रिया विशेषणः (काल वाचक, स्थानवाचक, परिमाणवाचक, रीतिवाचक)
Unit 5: 
प्रयोजन मूलक हिन्दी: प्रयोग के क्षेत्र
6.00
1. संक्षेपण -महत्व, प्रक्रिया, विशेषताएँ एवं सक्षेपक के गुण
2. पल्लवन - महत्व, प्रक्रिया एवं भाषा
Essential Readings: 
साहित्य खण्ड: गद्य पद्य की निर्धारित रचनाओं के लिए पुस्तकें
  • प्रकीर्णिका- बालकृष्ण राव, श्रीराम शर्मा राजकमल प्रकाशन, इलाहाबाद
  • आधुनिक काव्य संग्रह- रामवीर सिंह, प्रस्तुतकर्त्ता केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा, प्रकाशक विश्वविद्यालय प्रकाशन, वाराणसी, षष्ठ संस्करण 2013 ई0
 
References: 
व्याकरण खण्ड - सहायक पुस्तकें
  • हिन्दी भाषा ज्ञान - डॉ. हरिचरण शर्मा, राजस्थान प्रकाशन, जयपुर
  • हिन्दी भाषा, व्याकरण और रचना - डॉ. अर्जुन तिवारी, विश्वविद्यालय प्रकाशन, वाराणसी।
  • परिष्कृत हिन्दी व्याकरण - बदरीनाथ कपूर, प्रभात प्रकाशन, दिल्ली, संस्करण 2014
  • संक्षेपण और पल्लवन - कैलाश्र चंद्र भाटिया/तुमन सिंह, प्रभात प्रकाशन, दिल्ली।
  • आधुनिक हिन्दी व्याकरण और रचना- वासुदेवनंदन प्रसाद, भारती भवन पब्लिषर्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर, पटना, 23वां संस्करण, 2015
शोध पत्र-पत्रिकाएँः
  • साहित्य अमृत मासिक पत्रिका
  • हंस, संपादकः संजय सहाय, अक्षर प्रकाशन प्रा0 लि0, नई दिल्ली
  • वागार्थ, भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता

ई-पाठ्यसामग्री