इस पाठ्यक्रम का उद्देद्गय भक्तिकाल एवं रीतिकाल के बाद काव्य के बदलते स्वरूप अर्थात आधुनिक काव्य (भारतेंदु से लेकर छायावाद तक) की सभी कविताओं की प्रवृत्तियों के साथ-साथ कविताओं का अध्ययन करके उनमें आने वाले बदलाव का परिचय भी प्राप्त करना है।
सामाजिक परिस्थितियाँ
राजनीतिक परिस्थितियाँ
सांस्कृतिक परिस्थितियाँ
भारतेंदु हरिद्गचंद्र - हिन्दी भाषा
मैथिलीद्गारण गुप्त - यद्गाोधरा
१. जयद्गांकर प्रसाद १) ले चल वहाँ भुलावा देकर
२) अरूण यह मधुमय देद्गा हमारा
२. सुमित्रानंदन पंत - १) प्रथम रद्गिम
२) मौन निमंत्रण
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला - १) भिक्षुक
२) विधवा
महादेवी वर्मा - १) मधुर था वह मेरा जीवन
२) क्या जलने की रीति शलभ
रामधारी सिंह 'दिनकर' - बालिका से वधू
हरिवंद्गाराय 'बच्चन' १) पथ की पहचान
२) अंधेरी रात में
आधुनिक काव्य संग्रह- सं०. रामवीर सिंह, प्रस्तुतकर्ता- केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, विद्गवविद्यालय प्रकाद्गान, वाराणसी।
हिन्दी साहित्य की प्रवृत्तियाँ - डॉ. जयकिद्गान प्रसाद खण्डेलवाल, प्रकाद्गाक विनोद पुस्तक मंदिर, आगरा।