इस पाठ्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थी को हिंदी भाषा की व्याकरणिक एवं रचनात्मक पक्ष की सामान्य जानकारी प्राप्त करवाने साथ ही प्रभावशाली संप्रेषण की तकनीकों से भी परिचित करवाना है। ताकि विद्यार्थी व्याकरणिक पक्ष में समृद्ध हो अपने भावों व विचारों का संप्रेषण प्रभावशाली तरीके से कर सकें।
Course |
Course Outcome |
Learning and teaching strategies |
Assessment Strategies |
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Course Code |
Course Title |
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24IHIN100 |
हिन्दी व्याकरण और संप्रेषण (Theory)
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CO1: व्याकरण के सामान्य नियमों का परिचय प्राप्त कर भाषा के शुद्ध रूप का प्रयोग कर पाएगा CO2: उपसर्ग-प्रत्यय आदि का ज्ञान प्राप्त कर शब्द निर्माण एवं शब्द के अर्थ वैशिष्ट्य को समझने में सक्षम हो पाएगा CO3: शब्द निर्माण की व्याकरणिक कोटियों तथा संक्षेपण व पल्लवन लेखन शैली से परिचित होकर कार्यालय क्षेत्रों में उसका उचित प्रयोग कर पाएगा CO4: प्रभावी संप्रेषण का महत्व समझने के साथ-साथ विद्यार्थी रोजगार के विभिन्न क्षेत्रों हेतु लेखन, वाचन, पठन में भी सक्षम हो पाएगा CO5: विभिन्न प्रकार से अपने भावों की अभिव्यक्ति शैली से परिचित हो जीवन में उसका प्रयोग कर उत्कृष्टता ला पाएगा CO6: विषय के अनुरूप अपनी बात को प्रभावात्मक तरीके से स्पष्ट कर सकेगा। |
शिक्षण विधियां : प्रभावात्मक व्याख्यान विधि, प्रत्यक्ष उदाहरणों के माध्यम से शिक्षण, परिचर्चा
छात्र अधिगमन गतिविधियां: स्व मूल्यांकन समनुदेशन, प्रभावात्मक प्रश्न, विषय अनुसार लक्ष्य देना, प्रस्तुतीकरण
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कक्षा परीक्षण, प्रश्नोत्तरी, समनुदेशन, समूह चर्चा और प्रस्तुति,परियोजना कार्य,उपशिक्षण में समस्याओं का समाधान, मुख्य परीक्षाएँ |
हिन्दी व्याकरण एवं रचना- संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया एवं अव्यय का परिचय
उपसर्ग, प्रत्यय तथा समास
पर्यायवाची शब्द, विलोम शब्द, अनेक शब्दों के लिए एक शब्द, शब्द शुद्धि, वाक्य शुद्धि, मुहावरे और लोकोक्तियाँ, पल्लवन एवं संक्षेपण
संप्रेषण की अवधारणा और महत्त्व, संप्रेषण के प्रकार, संप्रेषण के माध्यम, संप्रेषण की तकनीक
शोध पत्र-पत्रिकाएँः