मध्यकालीन हिन्दी कविता

Paper Code: 
24CHIN201
Credits: 
06
Contact Hours: 
90.00
Max. Marks: 
100.00
Objective: 

इस पाठ्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थी को हिंदी साहित्य के भक्ति एवं रीतिकाल अर्थात् मध्यकाल का अध्ययन करवाना है। ताकि विद्यार्थी मध्यकालीन परिवेश, भाषा, संस्कृति आदि के साथ ही प्रमुख कवियों की चिंतन शैली आदि को समझ सके।

Course Outcomes: 
 

 

Course Outcomes: 

Course

Course Outcome

Learning and teaching strategies

Assessment Strategies

Course Code

Course

Title

24CHIN201

 

मध्यकालीन हिन्दी कविता

(Theory)

 

CO7: कबीर दास जी के साहित्य का अध्ययन करते हुए मध्यकालीन निर्गुण संत साहित्य की विशेषताओं आदि का विवेचन कर पाएगा

CO8: तुलसीदास जी के साहित्य का अध्ययन करते हुए मध्यकालीन सगुण संत साहित्य की विशेषताओं आदि का विवेचन कर पाएगा

CO9: भूषण एवं बिहार के साहित्य का अवलोकन रीतिकालीन काव्यशास्त्रीय परंपरा के परिप्रेक्ष्य में कर सकेगा।

CO10: मीराबाई एवं रसखान के माध्यम से कृष्ण भक्ति साहित्य की विवेचना कर पाएगा A

CO11: छंदों एवं अलंकारों का अध्ययन कर मध्यकालीन काव्य के कला पक्ष की समीक्षा कर पाएगा।

CO12: विषय के अनुरूप अपनी बात को प्रभावात्मक तरीके से स्पष्ट कर सकेगा।

शिक्षण विधियां : प्रभावात्मक व्याख्यान विधि, प्रत्यक्ष उदाहरणों के माध्यम से शिक्षण, परिचर्चा

 

 

छात्र अधिगमन गतिविधियां:

 स्व मूल्यांकन समनुदेशन, प्रभावात्मक प्रश्न, विषय अनुसार लक्ष्य देना, प्रस्तुतीकरण

 

 

कक्षा परीक्षण, प्रश्नोत्तरी,  समनुदेशन, समूह चर्चा और प्रस्तुति,परियोजना कार्य,उपशिक्षण में समस्याओं का समाधान, मुख्य परीक्षाएँ

 

Unit 1: 
कबीर दास (व्याख्यात्मक एवं आलोचनात्मक अध्ययन)
18.00
  • कवि परिचय
  • साखी- 2,3,4,8,15,16,17,21,27,28 (भक्ति काव्य सरिता, कुल 10)
  • पद - 2,  8,  11,  14 ,19  (कुल 5)
  • कबीर की काव्यकला
  • कबीर की भक्ति भावना
  • कबीर का समाज दर्शन
  • कबीर का सुधारवादी दृष्टिकोण

 

Unit 2: 
तुलसीदास (व्याख्यात्मक एवं आलोचनात्मक अध्ययन)
6.00
  • कवि परिचय
  • काव्य - कवितावली से- प्रारंभिक 12 छंद  (भक्ति काव्य सरिता)
  • तुलसी की काव्यकला
  • तुलसी की भक्ति भावना
  • लोकनायक तुलसी की समन्वय भावना
  • तुलसी की सामाजिक-सांस्कृतिक दृष्टि
 
Unit 3: 
मीराबाई,रसखान (व्याख्यात्मक एवं आलोचनात्मक अध्ययन)
18.00
मीराबाई(व्याख्यात्मक एवं आलोचनात्मक अध्ययन)
  • कवयित्री परिचय
  •  पद- 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7 एवं15,   (भक्ति काव्य सरिता,कुल 8) 
  • मीरा की काव्य कला
  • मीरा की भक्ति भावना     

रसखान (व्याख्यात्मक एवं आलोचनात्मक अध्ययन)   

  • कवि परिचय
  • सवैया- प्रारंभिक 7 (भक्ति काव्य सरिता)
  • रसखान की काव्यकला
Unit 4: 
बिहारी, भूषण (व्याख्यात्मक एवं आलोचनात्मक अध्ययन)
18.00

बिहारी (व्याख्यात्मक एवं आलोचनात्मक अध्ययन)

  • कवि परिचय
  • दोहे - 1, 3, 4, 5, 6, 8, 9, 28, 30 एवं 36 (रीति काव्य सुमन,कुल 10)
  • बिहारी की काव्य कला
  • बिहारी के काव्य में श्रंृगार, नीति और भक्ति
  • बिहारी की सौंदर्य भावना
 

भूषण (व्याख्यात्मक एवं आलोचनात्मक अध्ययन)

  • कवि परिचय
  • छंद - प्रारंभिक 5 (रीति काव्य सुमन)
  • भूषण की काव्य कला
  • भूषण के काव्य में वीर रस
 
Unit 5: 
छन्द - अलंकार (सामान्य परिचय)
18.00
  • निर्धारित अलंकार-अनुप्रास, यमक, श्लेष, वक्रोक्ति, उपमा, रूपक, भ्रान्तिमान, संदेह, उत्प्रेक्षा, दृष्टान्त, विरोधाभास, असंगति (कुल 12)
  • निर्धारित छन्द- दोहा, सोरठा, चौपाई, रोला, इन्द्रवज्रा, मन्दाक्रान्ता, उपेन्द्रवजा, मदिरा सवैया, मत्तगयन्द सवैया, दुर्मिल सवैया, मनहरण, देव घनाक्षरी (कुल 12)
Essential Readings: 
निर्धारित पुस्तकें: 
  • भक्ति काव्य सरिताः संपादक डॉ0 श्यामसुन्दर दीक्षित, राजस्थान प्रकाशन, जयपुर
  • रीति काव्य सुमनः संपादक डॉ. रामकृष्ण शर्मा, माया प्रकाशन मंदिर, जयपुर
 
References: 
सहायक पुस्तकें: 
  • कबीर:                                हजारी प्रसाद द्विवेदी
  • प्राचीन एवं मध्यकालीन काव्य:  डा. रामकुमार परमार
  • रीति काव्य धारा:                    डॉं रामचंद्र तिवारी
  • बिहारी रत्नाकर :                     जगन्नाथदास रत्नाकर
  • हिन्दी के प्राचीन प्रतिनिधि कविः  द्वारिका प्रसाद सक्सेना
  • रसखान मंजरी :                        प्रीतम प्रसाद शर्मा
  •  मीराबाई की सम्पूर्ण पदावली-   (संपादक) रामकिशोर शर्मा   
  • अलंकार पारिजातः  नरोत्तमदास स्वामी       
  • रस, अलंकार, छंद तथा अन्य काव्यांगः डॉ0 वेंकट शर्मा
ई-पाठ्यसामग्रीः 
शोध पत्र-पत्रिकाएँः
  • साहित्य अमृत मासिक पत्रिका
  • हंस, संपादकः संजय सहाय, अक्षर प्रकाशन प्रा0 लि0, नई दिल्ली
  • वागर्थ, भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता
 

 

Academic Year: